नेपाली सेनाका गणहरू
स्वरूप
नेपाली सेनामा गण भनेको बटालियन स्तरको सैन्य इकाई हो । गणमा ५०० देखि १००० जना जवान हुन्छन् जसको नेतृत्व (बटालियन कमान्डर/ गणपति) (प्रमुख सेनानी) ले गर्दछ।
नेपालको इतिहासलाई केलाउँदा बाइसे, चौबिसे लगायत स-साना राज्य मा टुक्रिएका राज्यका शासकहरूले समेत आफ्नो स्वाधीनताको रक्षार्थ विभिन्न किसिमको सुरक्षा फौजहरूको व्यवस्था गरेको पाइन्छ। अहिले नेपाली सेनाका गणहरू निम्न रहेका छन्:
सूची
[सम्पादन गर्नुहोस्]क्रम | गण | स्थापना वर्ष (विसं) |
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१ | श्रीनाथ गण | १८१९ असोज ५ |
२ | बर्दबहादुर गण | १८१९ असोज ९ |
३ | सबुज गण | १८१९ असोज ९ |
४ | पुरानो गोरख गण | १८१९ फागुन १० |
५ | रणभीम गण | १८४२ वैशाख १ |
६ | श्रीजङ्ग गण | १८४२ वैशाख १ |
७ | देवीदत्त गण | १८४२ वैशाख १४ |
८ | नयाँ श्रीनाथ गण | १८४२ असोज ७ |
९ | दुर्गाबक्स गण | १८४३ भदौ १५ |
१० | बरख गण | १८४२ माघ १७ |
११ | भवानीबक्स गण | १८४१ असोज १ |
१२ | ज्वालादल गण | १८४२ वैशाख ८ |
१३ | भैरवीदल गण | १८४२ वैशाख २३ |
१४ | तारादल गण | १८४२ असार ११ |
१५ | बटुकदल गण | १८४२ असार ३० |
१६ | भवानीदल गण | १८४२ भदौ १३ |
१७ | रण शार्दुल गण | १८४२ असोज ८ |
१८ | सिंहनाथ गण | १८४२ फागुन २५ |
१९ | भैरव गण | १८४२ |
२० | रणबम गण | १८४७ |
२१ | रणशेर गण | १८४५ असार ८ |
२२ | जबरजङ्ग गण | १८४८ जेठ ५ |
२३ | गोरख बक्स गण | १८४८ माघ ९ |
२४ | इन्द्र बक्स गण | १८४८ |
२५ | सिद्धिबक्स गण | १८४८ |
२६ | भगवतीदल गण | १८५० |
२७ | चन्दननाथ गण | १८५५ पुस २३ |
२८ | शिवदल गण | १८६१ वैशाख २९ |
२९ | रणसिंहदल गण | १८६१ भदौ १ |
३० | वीरदल गण | १८६१ असोज २९ |
३१ | नरसिंहदल गण | १८६१ माघ १० |
३२ | कालीजङ्ग गण | १८६१ |
३३ | अह्रिदमन गण | १८६१ फागुन ३ |
३४ | इन्द्रध्वज गण | १८६१ |
३५ | शेर गण | १८६२ पुस २६ |
३६ | युद्धभैरव गण | १८७३ |
३७ | बज्रदल गण | १८७३ |
३८ | भीमदल गण | १८६३ |
३९ | अर्जुनवाण गण | १८६३ |
४० | कृष्णदल गण | १८६३ |
४१ | नयाँ सबुज गण | १८६३ |
४२ | नन्दाबक्स गण | १८६३ साउन ३ |
४३ | चण्डीदल गण | १८६३ |
४४ | भैरवनाथ गण | १८६७ भदौ १२ |
४५ | रिपुमर्दन गण | १८६७ |
४६ | सूर्यदल गण | १८७२ असार ९ |
४७ | नारायणदल गण | १८९३ फागुन १७ |
४८ | शम्शेरदल गण | १९०१ असार १२ |
४९ | महिन्द्रदल गण | १९०१ माघ १ |
५० | फस्ट रैफल गण | १९०६ चैत १० |
५१ | नेपाल क्याभलरी | १९०६ मङ्सिर ७ |
५२ | रुद्रध्वज गण | १९१० जेठ १० |
५३ | कालीध्वज गण | १९१० भदौ २९ |
५४ | विष्णुदल गण | १९११ जेठ ३० |
५५ | गोरखनाथ गण | १९११ |
५६ | कालीबहादुर गण | १९१२ मङ्सिर १६ |
५७ | गरूडदल गण | १९३६ असोज ६ |
५८ | गोरखदल गण | १९३६ पुस २२ |
५९ | खड्गदल गण | १९३७ जेठ ३० |
६० | चण्डीप्रसाद गण | १९३७ असोज १ |
६१ | भैरवप्रसाद गण | १९३७ पुस २७ |
६२ | पशुपतिप्रसाद गण | १९७० चैत २९ |
६३ | गोरखबहादुर गण | २००८ चैत |
६४ | श्री नं १ ग्यारिजन गण | २०३१ |
६५ | युद्धकवच गण | २०४० कात्तिक ९ |
६६ | श्रीमेहर गण | २०५७ असोज १८ |
६७ | श्री नं २ ग्यारिजन गण | २०५५ चैत १ |
६८ | महावीर गण (रेन्जर) | २०५९ |
६९ | श्री नं १ विपद् व्यवस्थापन गण | २०६९ माघ ४ |
७० | श्री नं २ विपद् व्यवस्थापन गण | २०६९ माघ ४ |
यो पनि हेर्नुहोस
[सम्पादन गर्नुहोस्]सन्दर्भ सामग्रीहरू
[सम्पादन गर्नुहोस्]- ↑ डा. तुलसीराम वैद्य, डा. विजयकुमार मानन्धर, डा. प्रेमसिंह बस्न्यात (२०६५ फागुन १२), नेपालको सैनिक इतिहास (भाग-२), नेपाली जङ्गी अड्डा, पृ: २२७-, आइएसबिएन 978-9937-2-1177-2।