कुमारगुप्त प्रथम
| कुमारगुप्त प्रथम | |
|---|---|
| महाराजाधिराज, परम-भट्टारक, परमद्वैत, महेन्द्रदित्य | |
कुमारगुप्त सिंहसँग लडिरहेका छन्, जसलाई उनको सुनमा चित्रण गरिएको छ | |
| गुप्त सम्राट | |
| शासनकाल | ४१५ - ४५५ ई |
| पूर्वाधिकारी | चन्द्रगुप्त द्वितीय |
| उत्तराधिकारी | स्कन्दगुप्त |
| जीवनसाथी | अनन्तदेवी |
| वंश | गुप्त वंश |
| बाबु | चन्द्रगुप्त द्वितीय |
| आमा | ध्रुवदेवी |
| धर्म | हिन्दु धर्म |
कुमारगुप्त प्रथम प्राचीन भारतको गुप्त साम्राज्यका सम्राट थिए। गुप्त सम्राट चन्द्रगुप्त द्वितीय र रानी ध्रुवदेवीका छोरा, उनले आफ्नो विरासत क्षेत्रको नियन्त्रण कायम राखेको देखिन्छ, जुन पश्चिममा गुजरातदेखि पूर्वमा बङ्गाल क्षेत्रसम्म फैलिएको थियो।[१]
कुमारगुप्तले अश्वमेध बलिदान गरे, जुन सामान्यतया शाही सार्वभौमिकता प्रमाणित गर्नको लागि गरिन्छ, यद्यपि उनको सैन्य उपलब्धिहरूको बारेमा कुनै ठोस जानकारी उपलब्ध छैन।[१] इपिग्राफिक र न्यूमिमेटिक प्रमाणहरूको आधारमा, केही आधुनिक इतिहासकारहरूले सिद्धान्त गरेका छन् कि उनले मध्य भारतका औलीकारहरू र पश्चिमी भारतकात्रैकुटकहरूलाई वशमा पारेको हुन सक्छ।[२]
कुमारगुप्तको शासनकालमा शैव, वैष्णव, बौद्ध र जैन धर्म लगायतका विभिन्न आस्थाहरू फस्टाएको इपिग्राफिक प्रमाणहरूले सङ्केत गर्छ।[२] कुमारगुप्तको चाँदीको सिक्काले उनलाई भगवान विष्णु (परम-भागवत वा भागवत) को भक्तको रूपमा वर्णन गर्दछ।[३] उनको सुन, चाँदी र तामाको सिक्कामा विष्णुको वाहन गरुड रहेको छ।[३]
सन्दर्भ सामग्रीहरू
[सम्पादन गर्नुहोस्]- ↑ १.० १.१ R. C. Majumdar (१९८१), A Comprehensive History of India, 3, Part I: A.D. 300-985, Indian History Congress / People's Publishing House, ओसिएलसी 34008529।
- ↑ २.० २.१ Tej Ram Sharma (१९८९), A Political History of the Imperial Guptas: From Gupta to Skandagupta, Concept, आइएसबिएन 978-81-7022-251-4।
- ↑ ३.० ३.१ J. N. Banerjea (१९८२), "Vaishnavism, Saivism and Minor Sects", in R. C. Mujumdar, A Comprehensive History of India, III, Part II, Indian History Congress / Orient Longmans।