नेपालका जातिहरू
नेपालका जातिहरूको विभाजन भाषा, जातिय पहिचान तथा जातिप्रथाबाट भएको हो। हरेक जातिहरूमा विवाहवारी आफ्नै जातिमा हुने गर्छ। हरेक जातिको आफ्नो भाषा, संस्कृति र सभ्यता रहने गर्छ। आदिवासी/जनजाति उत्थान राष्ट्रिय प्रतिष्ठान ऐन, २०५८ को दफा २ले "आदिवासी/जनजाति" भन्नाले आफ्नो मातृभाषा र परम्परागत रीतिरिवाज, छुट्टै सांस्कृतिक पहिचान, छुट्टै सामाजिक संरचना र लिखित वा अलिखित इतिहास भएकोे जाति वा समुदाय भनी परिभाषित गरेको छ।
संख्याको आधारमा सूची:
[सम्पादन गर्नुहोस्]२०६८ को राष्ट्रिय जनगणना अनुसार नेपालमा १२५ जातिहरू रहेको छ।[१] बाह्रौँ राष्ट्रिय जनगणना २०७८ ले थप १७ जाति पहिचान गरी जातिहरू १४२ पुगेको छ।
२०६८ को राष्ट्रिय जनगणना अनुसार
[सम्पादन गर्नुहोस्]सं. नं. | जातिहरू | जनसङ्ख्या | प्रतिशत |
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1 | क्षेत्री | 4,398,053 | 16.60% |
2 | पहाडी ब्राह्मण/बाहुन | 3,226,903 | 12.18% |
3 | मगर | 1,887,733 | 7.12% |
4 | थारू | 1,737,470 | 6.57% |
5 | तामाङ | 1,539,830 | 5.81% |
6 | नेवार | 1,321,933 | 4.99% |
7 | कामी | 1,258,554 | 4.75% |
8 | नेपाली मुसलमान (एक जातिका रूपमा लिइएको) | 1,164,255 | 4.39% |
9 | यादव | 1,054,458 | 3.98% |
10 | राई जाति | 620,004 | 2.34% |
11 | गुरूङ | 522,641 | 1.97% |
12 | दमाइ/ढोली | 472,862 | 1.78% |
13 | ठकुरी | 425,623 | 1.61% |
14 | लिम्बु | 487,300 | 1.46% |
15 | सार्की | 374,816 | 1.41% |
16 | तेली | 369,688 | 1.40% |
17 | चमार/हरिजन/राम | 335,893 | 1.27% |
18 | कोईरी/कुशवाहा | 306,393 | 1.16% |
19 | मुसहर | 234,490 | 0.89% |
20 | कुर्मी | 231,129 | 0.87% |
21 | सन्यासी/दशनामी | 227,822 | 0.86% |
22 | धानुक | 219,808 | 0.83% |
23 | दुसाध/पासवान/पासी | 208,910 | 0.79% |
123 | राउटे | 618 | 0.00% |
124 | नुराङ | 278 | 0.00% |
125 | कुसुण्डा | 273 | 0.00% |
- | अन्य नछुट्टिएको तथा विदेशी | 282,321 | 1.07% |
- | जम्मा | 26,494,504 | 100.00% |
२०७८ को राष्ट्रिय जनगणना अनुसार
[सम्पादन गर्नुहोस्]राष्ट्रिय जनगणना २०७८ को परिणामले नेपालमा जातजातिः १४२, मातृभाषाः १२४ र धर्मको सङ्ख्या र १० कायम गरेको छ।[२] १२ वटा विदेशी भाषा बोल्ने व्यक्तिको सङ्ख्या न्यून भएकाले थप एक नयाँ भाषा लाई ‘अन्य भाषा’ मा राखिइ १२४ वटा मातृभाषा कायम गरिएको थियो। नेपाली मातृभाषी कुल सङ्ख्या एक करोड ३० लाख ८४ हजार ४५७ (४४.८६ प्रतिशत) पछि मैथिली (११.०५ प्रतिशत), भोजपुरी (६.२४ प्रतिशत), थारू (५.८८ प्रतिशत), तामाङ (४.८८ प्रतिशत), बज्जिका (३.८९ प्रतिशत), अवधी (२.९६ प्रतिशत) र नेपालभाषा (२.९६ प्रतिशत) रहेका छन्। साथै हिन्दु, बौद्ध, इस्लाम, किरात, क्रिश्चियन, प्रकृति, बोन, जैन, बहाई र शिख क्रमशः पहिलो, दोस्रो, तेस्रो, चौथो, पाँचौँ, छैटौँ, सातौँ, आठौँ, नवौँ र दसौँ स्थानमा रहेका नेपालका धर्म रहेका छन्।[२]
गृह मन्त्रालयको सिफारिसमा मन्त्रीपरिषद्ले अल्पसङ्ख्यक जातजाति तोक्ने व्यवस्था भएअनुसार ०.५ प्रतिशतभन्दा कम जनसङ्ख्या रहेका जातजातिलाई अल्पसङ्ख्यकका रूपमा तोकिएको छ।[३] यस अनुसार मन्त्रीपरिषद्ले ११५ जातिलाई अल्पसङ्ख्यकको सूचीमा राखेको छ।
तस्वीर सङ्ग्रह
[सम्पादन गर्नुहोस्]-
काठमाडौंमा परम्परागत बाहुन पुजारी
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थारु महिला
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खस समुदायका महिलाहरुले मनाए तीज
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नेवार समूहका बान्रास / शाक्य बौद्ध पुजारीहरू
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खस जाक्री
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दमाहा बजाउने दमाई पुरुषहरू
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तामाङ महिला
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लिम्बु आदिवासी समूह
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थारु महिलाहरु
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गुरुङ महिलाहरु
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नेवार समुदाय
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खास परबत्य विवाहको जुलुस
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शेर्पा, माथिल्लो तिब्बती जातीय समूह
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किराँती लिम्बु महिलाहरु केलाङ प्रदर्शन गर्दै
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मगर सैन्य जनजाति, नेपाल
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वरिष्ठ अर्पण दशैं टीका; खास परबतिया समुदायको विशेषता
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राउटे पुरुष
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मगर समुदाय
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नेपालको खास मानिस, द पिपुल अफ इन्डिया मा चित्रित (1868-1875)
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मगर महिला
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लिम्बु महिलाहरु
सन्दर्भ सामग्रीहरू
[सम्पादन गर्नुहोस्]- ↑ "Nepal Census 2011"।
- ↑ २.० २.१ "जातजाति र मातृभाषा बढे, धर्म यथावत्", GorakhaPatra, अन्तिम पहुँच २०२४-०२-१८।
- ↑ "११५ जाति अल्पसङ्ख्यकको सूचीमा", GorakhaPatra, अन्तिम पहुँच २०२४-०२-१८।