जिरेल भाषा
जिरेल जाति / जिर्बा केचा | |
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मूलभाषी | नेपाल |
रैथाने(हरू) | जिरेल जाति |
मातृभाषी वक्ता | १५ हजार [१] |
चिनियाँ-तिब्बती
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सम्भोट, हिमाली लिपि, एवं तिब्बती | |
सरकारी दर्जा | |
आधिकारिक भाषा | नेपाल हिमाली, पहाडी क्षेत्र |
भाषा सङ्केतहरू | |
आइएसओ ६३९-३ | jul |
ग्लोटोलग | jire1238 [२] |
जिरेल जाति (ⓘ) नेपाललको आदिवासीहरु मध्येको किरात समुदायमा पर्ने एक जाति हो। यस जातिका अधिकांश मानिसहरू अहिले जिरी,जुगु,क्षत्रापा,कर्थली,चोकाटी, गोर्थली, भक्तपुर, काठमाडौं लगायतका क्षेत्रमा बसोबास गर्ने गर्छन्। जिरेल जातिको आफ्नै भाषा छ जसलाई जिरेल भाषा भनिन्छ। जिरेल भाषा नेपालमा बोलिने एक जातीय भाषा हो। यो भाषा प्राय दोलखाको जिरी, जुगु, क्षत्रापा, सिन्धुपाल्चोक जिल्लाको चोकाटी, गोर्थली, कर्थलीमा बस्ने जिरेल जातिले बोल्ने गर्दछन्। जसलाई जिरेल भाषा भनिन्छ। यो Sino-Tibetan भाषा समुहको भाषा हो।बहुसंख्यक जिरेल जाति बुद्ध धर्म मान्दछन्। केही जिरेलहरू हिन्दू तथा ईसाइ धर्म मान्छन।
जिरेल जातिमा १२ थर र दर्जनौ भन्दा बढी उपथरहरु छन्। ति थरहरू यस प्रकार छन् –
मूल थरहरू:
१. ठुङ्ग्बा २. देवलिङा ३. थाबो ४ देप्पा ५. सेर्बा ६. पाल्पाली ७. थुर्बिदो ८. गरा साम्बा ९. च्याबा १०. मेयोक्पा ११. जुपुले १२. छ्युङपाते
उपथरहरु:
१. चावे ठुङ्बा २ चावे सेर्बा ३. जुपुदे (चावे जुपुले) ४. थुर्बिदो ५. उर्बिदो (चावे थुर्बिदो) ६. क्याम्बोले ७. तुम्पुले ८. फल्बो (नेवारले) ९.र्गाचिगा (गर्जङा) १०.रारेङ्गे ११. जैसी १२. खुलाल १३. चावे थाबो १४. मुख्य १५. थापा १६. राय १७. घर्ती ।
जिरेल जातिले बिनायो, डम्फू, खैँजडी, टुंग्ना, ढ्याङग्रो आदि लोक बाजाहरू प्रयोग गर्छन्। जिरेल जातिको बसोबास क्षेत्र जिरी क्षत्रापा जुँगु लागयतका भूभागहरु हुन् । जिरेलहरूले बोल्ने भाषा जिरेल हो । यो भाषा चिनियाँ तिब्बती भाषा परिवार भित्र पर्दछ।
जिरेल भाषा
[सम्पादन गर्नुहोस्]नेपालमा बोलिने एक भाषा हो। विशेष गरी यो भाषा जिरेल जातिले जिरेल बस्ती रहेका ठाँउमा बोलिने भएकोले नेपालको हिमाली भेगमा यो भाषा निकै प्रचलित छ। यो जिरेल समुदायको आफ्नो अलगै भाषा हो, जसलाई हामी जिर्वा केचा भन्ने गर्दछौँ। जिरेल जातिहरूको आफ्नो छुट्टै तिब्बती मुलको भाषा छ। यो भाषाको शुद्ध उच्चारण गर्नु सक्ने लिपि भनेको सम्भोट लिपि वा हिमाली लिपि हो। जसरी संस्कृत, पाली, हिन्दी, नेपाली, भोजपुरी आदि भाषाहरूमा देवनागरी लिपिको प्रयोग गरिन्छ। त्यसरी जिरेल, तिब्बती, शेर्पा, लद्दाखी, भुटानी, भोटे आदिका भाषाहरूमा सम्भोट लिपिको प्रयोग हुने गर्दछ।
जिरेल लिपि
[सम्पादन गर्नुहोस्]सम्भोट लिपिको चार स्वरवर्णहरू | ||||
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ཨི་ | ཨུ་ | ཨེ་ | ཨོ་ | |
सम्भोट लिपिको तीस व्यंजन वर्णहरू | ||||
ཀ་ | ཁ་ | ག་ | ང་ | क वर्ग |
ཅ་ | ཆ་ | ཇ་ | ཉ་ | च वर्ग |
ཏ་ | ཐ་ | ད་ | ན་ | त वर्ग |
པ་ | ཕ་ | བ་ | མ་ | प वर्ग |
ཙ་ | ཚ་ | ཛ་ | ཝ་ | च़ वर्ग |
ཞ་ | ཟ་ | འ་ | ཡ་ | श़ वर्ग |
ར་ | ལ་ | ཤ་ | ས་ | र वर्ग |
ཧ་ | ཨ་ | ह वर्ग |
सङ्ख्या
[सम्पादन गर्नुहोस्]सम्भोट | ༠ | ༡ | ༢ | ༣ | ༤ | ༥ | ༦ | ༧ | ༨ | ༩ |
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नेपाली | ० | १ | २ | ३ | ४ | ५ | ६ | ७ | ८ | ९ |
चिह्न र विराम
[सम्पादन गर्नुहोस्]चिह्न र विराम | नाम | कार्य |
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༄ | ཡིག་མགོ་ yig-mgo |
पाठ को शुरुवात निशान |
༈ | སྦྲུལ་ཤད། sbrul-shad |
विषय र उप विषयहरूको वर्ग छुट्याउछ |
་ | ཚེག tseg |
सीमांकक |
། | ཆིག་ཤད། chig-shad |
पूर्ण बिराम (पाठको एक खण्ड अन्त जनाउछ) |
༎ | ཉིས་ཤད། nyis-shad |
पूर्ण बिराम (पूर्ण विषयको अन्त जनाउछ) |
༴ | བསྡུས་རྟགས། bsdus-rtags |
पुनरावृत्ति |
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बायाँ कोष्ठ |
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तस्वीरहरू
[सम्पादन गर्नुहोस्]बाह्य कडीहरू
[सम्पादन गर्नुहोस्]यो पनि हेर्नुहोस्
[सम्पादन गर्नुहोस्]- ↑ http://www.ethnologue.com/18/language/xsr/
- ↑ ह्यामरस्ट्रोम, ह्याराल्ड; फोर्केल, रोबर्ट; हास्पेलमाथ, मार्टिन, सम्पादकहरू (२०१७), "Jirel", ग्लोटोलग ३.०, जेना, जर्मनी: मानव इतिहासको विज्ञानको लागि म्याक्स प्लांक संस्थान।