ऐतरेय उपनिषद्
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ऐतरेय उपनिषद्को सम्बन्ध ऋग्वेदसित छ। ऐतरेय भित्र पाँच मुख्य अध्याय (आरण्यक) छन् जसमा प्रथम तीनका रचयिता ऐतरेय, चतुर्थका आश्वलायन तथा पञ्चमका शौनक मानिन्छन्। डाक्टर कीथ यसलाई निरुक्तको अपेक्षा अर्वाचीन मानेर यसको रचनाकाल षष्ठ शताब्दी विक्रमपूर्व मान्दछन्, परन्तु वस्तुत: यो निरुक्त भन्दा पुरानो। ऐतरेयका प्रथम तीन आरण्यकहरू रचयिता महिदास हुन् यसले गर्दा उनलाई ऐतरेय ब्राह्मणको समकालीन मान्दा हुन्छ।