शान्ति पर्व
स्वरूप
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शान्ति पर्वका अन्तर्गत ३ उपपर्व छन्-
पर्व | शीर्षक | उप-पर्व सङ्ख्या | उप-पर्व सूची | अध्याय एवम श्लोक सङ्ख्या | विषय-सूची |
१२ | शान्तिपर्व | ८५-८७ |
|
३३९/१४७३२ |
यसमा 365 अध्याय छन्। शान्ति पर्वमा युद्धको समाप्तिमा युधिष्ठिरको शोकाकुल भएर पश्चाताप गर्नु, श्रीकृष्ण सहित सबै मानिसहरू द्वारा तिनलाई सम्झाइनु, युधिष्टिरको नगर प्रवेश र राज्याभिषेक, सबका साथ पितामह भीष्मका समीप जानु, भीष्मका द्वारा श्रीकृष्णको स्तुति, भीष्म द्वारा युधिष्ठिरका प्रश्नहरूको उत्तर तथा तिनलाई राजधर्म, आपद्धर्म र मोक्षधर्मको उपदेश गर्नु आदि वर्णित छ। मोक्षपर्वमा सृष्टिको रहस्य तथा अध्यात्म ज्ञानको विशेष निरूपण छ। शान्ति पर्वमा “मङ्कगीता’’ (अध्याय 177), “पराशरगीता” (अध्याय 290-98) तथा “हंसगीता” (अध्याय 299) पनि छ। शान्तिपर्वमा धर्म, दर्शन, राजानीति र अध्यात्म ज्ञानको विशद निरूपण गरिएको छ। |
बाह्य कडीहरू
[सम्पादन गर्नुहोस्]- वेद-पुराण - यहाँ चारहरू वेद एवं दस भन्दा अधिक पुराण हिन्दी अर्थ सहित उपलब्ध छन्।
- महर्षि प्रबंधन विश्वविद्यालय वेब्याक मेसिन अभिलेखिकरण २००८-०४-०८ मिति-यहाँ सम्पूर्ण वैदिक साहित्य संस्कृतमा उपलब्ध छ।
- ज्ञानामृतम् - वेद, अरण्यक, उपनिषद् आदिमा सम्यक जानकारी
- वेद एवं वेदांग
- जसको उदेश्य छ - वेद प्रचार[स्थायी मृत कडी]
- वेद-विद्या_डट_कम वेब्याक मेसिन अभिलेखिकरण २०१०-०५-२१ मिति