शल्य पर्व
स्वरूप
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शल्य पर्वका अन्तर्गत २ उपपर्व छ र यस पर्वमा ५९ अध्याय छन्।
पर्व | शीर्षक | उप-पर्व सङ्ख्या | उप-पर्व सूची | अध्याय एवम श्लोक सङ्ख्या | विषय-सूची |
९ | शल्यपर्व | ७९-८० |
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५९/३२२० |
कर्णको मृत्युका पश्चात कृपाचार्य द्वारा सन्धिका लागि दुर्योधनलाई सम्झाउनु, सेनापति पदमा शल्यको अभिषेक, मद्रराज शल्यको अदभुत पराक्रम, युधिष्ठिर द्वारा शल्य र तिनको भाईको वध, सहदेव द्वारा शकुनिको वध, बची भएको सेनाका साथ दुर्योधनको पलायन, दुर्योधनको ह्रदमा प्रवेश, व्याधहरू द्वारा जानकारी मिलनमा युधिष्ठिरको ह्रदमा जाना, युधिष्ठिरको दुर्योधनदेखि संवाद, श्रीकृष्ण र बलराम पनि त्यहाँ पुग्नु, दुर्योधनका साथ भीमको वाग्युद्ध र गदायुद्ध र दुर्योधनको धराशायी हुनु, क्रुद्ध बलरामलाई श्री कृष्ण द्वारा सम्झाइनु, दुर्योधनको विलाप र सेनापति पदमा अश्वत्थामाको अभिषेक आदि वर्णित छ। |
बाह्य कडीहरू
[सम्पादन गर्नुहोस्]- वेद-पुराण - यहाँ चारहरू वेद एवं दस भन्दा अधिक पुराण हिन्दी अर्थ सहित उपलब्ध छन्।
- महर्षि प्रबंधन विश्वविद्यालय वेब्याक मेसिन अभिलेखिकरण २००८-०४-०८ मिति-यहाँ सम्पूर्ण वैदिक साहित्य संस्कृतमा उपलब्ध छ।
- ज्ञानामृतम् - वेद, अरण्यक, उपनिषद् आदिमा सम्यक जानकारी
- वेद एवं वेदांग -
- जसको उदेश्य छ - वेद प्रचार[स्थायी मृत कडी]
- वेद-विद्या_डट_कम वेब्याक मेसिन अभिलेखिकरण २०१०-०५-२१ मिति